Corona Hate This System

*रात 12 बजे मनाते हैं जन्मदिन* 
तो हो जाएं *सावधान*........

   एक अजीब सी प्रथा इन दिनों चल पड़ी है वो है ..रात 12 बजे शुभकामनाएं देने और जन्मदिन मनाने की। लेकिन क्या आपको पता है *भारतीय शास्त्र इसे गलत मानता है* .. आज हम आपको यही  बताने जा रहे हैं कि वास्तव में ऐसा करने से कितना *बड़ा अनिष्ट* हो सकता है..

आजकल किसी का बर्थडे हो, शादी की सालगिरह हो या फिर कोई और अवसर क्यों ना हो, रात के *बारह बजे केक काटना* लेटेस्ट फैशन बन गया है। लोग इस बात को लेकर उत्साहित रहते हैं कि रात को बारह बजे केक काटना है 

अक्सर ऐसा देखा जाता है कि लोग अपना *जन्मदिन 12 बजे यानि निशीथ काल ( प्रेत काल) में मनाते हैं*। । निशीथ काल रात्रि को वह समय है जो *समान्यत: रात 12 बजे से रात 3 बजे की बीच होता है*। आमजन इसे *मध्यरात्रि* या अर्ध रात्रि काल कहते हैं। शास्त्रनुसार *यह समय अदृश्य शक्तियों, भूत व पिशाच का काल* होता है। इस समय में यह शक्ति अत्यधिक रूप से प्रबल हो जाती हैं।

हम जहां रहते हैं वहां कई ऐसी शक्तियां होती हैं, जो हमें दिखाई नहीं देतीं, किंतु बहुधा हम पर *प्रतिकूल* प्रभाव डालती हैं जिससे हमारा जीवन अस्त-व्यस्त हो उठता है और हम दिशाहीन हो जाते हैं। *जन्मदिन की पार्टी में अक्सर*।  ऐसे में प्रेतकाल में केक काटकर सेवन करने से अदृश्य शक्तियां व्यक्ति की आयु व भाग्य में कमी करती हैं और दुर्भाग्य उसके द्वार पर दस्तक देता है।

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